गुरुवार, 8 जुलाई 2010

माँ परी

माँ ! मैंने देखी एक परी
वो बिलकुल तेरे जैसी थी

तुम जैसी ही प्यारी प्यारी
उजली उजली गोरी गोरी
हाथों में फूलों की डाली
प्यार बहुत सा करने वाली ।

कभी ना लड़ना हिलमिल रहना
सही राह पर निर्भय बढ़ना
प्रेम देश से अपने करना
परियों की रानी का कहना ।

हंसी फूल से भी कोमल
पंख जैसे तेरा आँचल
बाल घनेरे जैसे काजल
तपती धूप में छाये बादल ।

मेरी खातिर लोरी गाई
चोकलेट भी दिलवाई थी
माँ!सच कहना क्या तुम ही ,
मेरे सपने में आई थी !

चित्र गूगल से साभार 

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