गुरुवार, 17 मार्च 2011

होली आई


धिग- धिग धंग
बाजे चंग
लेकर रंग
होली आई

हाथ अबीर
आशु कबीर
संग समीर
गुडिया आई

उड़े गुलाल
पीला लाल
करे धमाल
होली आई

खुली दुकान
लो पकवान
मीठा पान
गुझिया लायी

होली आई

1 टिप्पणी:

  1. आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा. चूँकि 'पाखी' मेरी पोती का नाम है, अत: इस नाम से ब्लॉग देखना सुखद लगा. वैसे आप मेरी पोती का ब्लॉग भी देख सकती हैं-'पाखी की दुनिया' (http://pakhi-akshita.blogspot.com/)

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