छोटा सा गोल-गप्पे वाला
काम है देखो बड़ा निराला
नन्हीं नन्हीं पूरी बनाकर
कद्दू सा फिर उन्हें फुलाकर
भरे वो खट्टा मीठा पानी
मिर्च लगे तो दे गुडधानी
सुना है रोज वो जाता स्कूल
कभी होम वर्क गया जो भूल
लेकिन देखी उसकी मेहनत
साथी सब करते हैं इज्जत
माना मंजिल थोड़ी दूर
काम लगन से करे भरपूर
दोहरा रहा है वह यह रीत
परिश्रम की होती है जीत