राखी का था जब
त्यौहार
घड़ी मिली मुझको
उपहार
रंग अनोखा उसका लाल
मुझे उठाती
प्रात:काल
कुकड़ू कूँ की देती
टेर
कहती उठ जा होगी देर
घड़ी समय का देती
ज्ञान
पलपल का रखना तुम
ध्यान
समय बताती रहकर मौन
बूझो तो यह लाया कौन
भैया ने दी गुल्लक
खोल
कहते बहना है अनमोल
चित्र गूगल से साभार